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मंदिर में दर्शन के बाद ठिकाने लगानी थी लाश, फिर ऐसे खुला मामला, कानपुर के युवक की बांदा लाकर हत्या

crime scene symbolic image

समरनीति न्यूज, कानपुर : कानपुर के एक युवक की दो युवकों ने बांदा लाकर हत्या कर दी। दोनों हत्यारोपी भी कानपुर के रहने वाले हैं। दोनों ने युवक की कार बांदा के लिए बुक की। यहां अपनी ननिहाल लाकर उसकी हत्या कर दी। हालांकि, घटनाक्रम ऐसा घूमा कि दोनों गिरफ्तार हो गए। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं कानपुर के नौबस्ता थाना की पुलिस भी बांदा पहुंची है। पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा रही है। वहीं आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। एएसपी बांदा लक्ष्मी निवास मिश्रा ने बताया कि मामले में कार्रवाई की जा रही है।

कानपुर के युवकों ने बुक कराई थी कार

बताया जाता है कि नौबस्ता के हसंपुरम दयालपुरम के रहने वाले रवींद्र पांडेय का बेटा आशुतोष (26) अपनी ओमनी कार किराय पर चलाता था। चौबेपुर के रहने वाले सुरेश तिवारी के बेटे दीपक तिवारी और सुधीर तिवारी ने बुधवार को बांदा के लिए उनकी कार बुक की थी। इसके बाद उसे लेकर बांदा के चिल्ला क्षेत्र के दतरौली गांव निवासी अपने मामा प्रेम द्विवेदी उर्फ राजू के घर पहुंचे। रात में सभी वहां रुके। सुबह गाड़ी की खरीद को लेकर बात हुई। आशुतोष ने गाड़ी बेचने से मना किया तो दोनों ने उसकी चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी।

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शव को मामा के घर के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया। बताते हैं कि बताते हैं कि गुरुवार सुबह 9 बजे आशुषोत की हत्या के बाद हत्यारोपी दीपक मंदिर दर्शन चला गया। इसके बाद उसकी योजना शव को ठिकाने लगाने की थी।

फोन स्विच आफ होने पर परिवार को हुआ शक

उधर, मृतक आशुतोष का फोन लगातार स्विच आफ जाने के कारण परिवार के लोगों को आशंका हुआ। उन्होंने नौबस्ता पुलिस को सूचना दी। बताते हैं कि मृतक का भाई अंशु भी तिंदवारी तक भाई को तलाशता हुआ आ गया। बेंदा की ओर जाते समय रास्ते में अंशु को भाई की ओमनी वैन काली माता मंदिर के पास खड़ी दिखाई दी। उसने पुलिस को भी सूचना दी। तुरंत ही पुलिस भी वहां पहुंच गई।

मंदिर दर्शन के बाद ठिकाने लगानी थी लाश

जबतक पुलिस पहुंची आरोपी मंदिर दर्शन करके कार के पास पहुंचा और ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। वह जाने ही वाला था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पुलिस ने आशुतोष के बारे में पूछा तो घबरा सा गया। पुलिस उसे ओमनी समेत थाने ले गई। वहां उसने हत्या का पूरा राज कबूल लिया।

एएसपी ने मामले में दी यह जानकारी

एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा का कहना है कि हत्यारोपी के पास भी एक ओमनी गाड़ी है, जोकि नौबस्ता थाने में सीज है। हत्यारोपियों की साजिश थी कि इस ओमनी वैन को लेकर अपनी गाड़ी का नंबर लगा लेंगे। फिर इसे चलाएंगे। इसीलिए उन्होंने आशुषोत की हत्या का षड़यंत्र रचा। पुलिसिया पूछताछ में दीपक ने बताया कि 3500 रुपए में दो दिन के लिए गाड़ी बुक की थी।

यह था हत्यारोपियों का पूरा षड़यंत्र

पहले गाड़ी खरीद-फरोख्त की आशुतोष से बात हुई। फिर बात नहीं बनी तो उसकी हत्याकर दी। आशुतोष का शव यमुना नदी में फेंकने के बाद ओमनी गाड़ी लेकर कानपुर चले जाते। अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर चलाने की योजना थी। पुलिस दूसरे हत्यारोपित सुधीर की तलाश में लगी है। वहीं, देर नौबस्ता थानाक्षेत्र की चौकी बसंतविहार के प्रभारी जयवीर भी बांदा पहुंच गए।

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