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यूपी चुनाव 2022 : बांदा-बुंदेलखंड में BJP के रणबांकुरे को पार्टी फंड का इंतजार, चालाकी न पड़ जाए भारी

UP Elections 2022 : Candidates of big parties sitting on their hands waiting for party funds in Banda-Bundelkhand

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : बुंदेलखंड में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर माहौल पूरी तरह से गरमा-गरम है। सभी राजनीतिक दल जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं लेकिन बांदा जिले में बीजेपी के कुछ रणबांकुरे (प्रत्याशी) हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अभी ये प्रत्याशी पूरी सिद्दत से प्रचार में नहीं जुटे हैं। इसकी वजह है कि ये नेता जी लोग बड़ी चालाकी से कदम बड़ा रहे हैं। मतलब सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। अपना पैसा भी न खर्च हो, जीत भी जाएं। सूत्रों की माने तो भाजपा के तीन प्रत्याशी इस मामले में सबसे आगे हैं। पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी से बातचीत में यह बात निकलकर सामने आई है। इसके असर भी दिखाई दे रहे हैं। प्रचार सुस्त है।

प्रचार में देरी कर अपने साथ-साथ पार्टी का भी नुकसान कर सकते हैं ये प्रत्याशी

दरअसल, ये प्रत्याशी अमीर होते हुए भी खुद को गरीब दिखा रहे हैं। ऐसा करके पार्टी फंड के लिए अपने हाई कमान की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं। विश्वस्त्र सूत्र बताते हैं कि इन प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी पार्टियों के हाई कमान को मैसेज भी भेजे हैं।

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हाई कमान से अपील की है कि चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए उनको फंड की जरूरत है। प्रत्याशियों ने अपनी पार्टियों के बड़े पदाधिकारियों को खुद की आर्थिक स्थिति खराब होने की जानकारी देते हुए फंड की गुहार लगाई है। वहीं दूसरे दलों के प्रत्याशी जी-जान से जुटे हैं।

गरीब नहीं हैं, बस अपनी जेबों में हाथ डालने को तैयार नहीं है चालाक प्रत्याशी

हालांकि, हकीकत में ऐसा नहीं है कि पार्टी फंड की गुहार लगाने वाले सभी प्रत्याशियों के पास पैसे की कमी है। आर्थिक रूप से सभी मस्त हैं, स्वस्थ हैं। चुनाव लड़ सकते हैं, बस अपनी जेब में हाथ डालने को तैयार नहीं है। पूरी तरह से पार्टी पर खर्चा थोपना चाहते हैं। देखने वाली बात यह है कि कहीं इन दलों के प्रत्याशियों की चालाकियां इनके साथ-साथ पार्टी को भारी न पड़ जाए। क्योंकि मतदान की लगभग उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में जनता तक पहुंचने में देरी करके ये प्रत्याशी अपने साथ-साथ अपनी पार्टी का भी नुकसान कर सकते हैं। ऐसी ही चर्चा बाकी बड़े दलों के प्रत्याशियों को लेकर भी है।

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