मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : अखिलेश यादव ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर मुख्यमंत्री बनाने के ‘आफर’ वाली जो गुगली फेंकी, उसमें अब उप मुख्यमंत्री फंसते नजर आ रहे हैं। बुंदेलखंड के अपने दो दिवसीय दौरे पर डिप्टी सीएम केशव ने महोबा से लेकर बांदा तक बीते 24 घंटे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा अखिलेश यादव का नाम पुकारा। यह बात और है कि डिप्टी सीएम मौर्य ने जितनी बार अखिलेश का नाम लिया। उतनी बार उतना ही बड़ा हमला भी बोला। यहां तक कहा कि अखिलेश यादव को इलाज की जरूरत है। उनकी हालत बिन पानी वाली मछली जैसी है।
अखिलेश ने दिया था डिप्टी सीएम को मुख्यमंत्री बनने का आफर
दरअसल, अखिलेश यादव के इस आफर को दो वजहों से धार मिल रही है। एक हाल ही में बिहार में हुई राजनीतिक ऊठा-पटक की घटना की वजह से। दूसरे वजह काफी अहम है। वो है 3 साल पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा में 100 से ज्यादा भाजपा विधायकों का अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना।
यूपी की राजनीति में भुलाया नहीं जा सकता 17 दिसंबर 2019
17 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टी के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के उत्पीड़न के विरोध में भाजपा के 100 से ज्यादा विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिया था। यह दिन उत्तर प्रदेश की राजनीतिक के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता। यही वजह है कि अखिलेश यादव के आफर को लगातार धार मिल रही है।
डिप्टी सीएम मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश पर बोले ताबड़तोड़ हमले
दरअसल, राजनीति में एक बात के कई मायने निकाले जाते हैं। दो दिन में डिप्टी सीएम मौर्य ने जिस तरह अखिलेश यादव पर हमले बोले हैं। उससे बुंदेलखंड के राजनीतिक गलियारों में भी तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। लोग अपने-अपने हिसाब से मायने निकाल रहे हैं। अब बात बुंदेलखंड में हो रही है तो निश्चित है कि इसका असर देर-सबेर राजधानी लखनऊ में भी दिखेगा।
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