समरनीति न्यूज, लखनऊः कोरोना संकट ने हर व्यक्ति की दिनचर्या बदलकर रख दी है। फिर चाहे आम आदमी हो या खास। हर वर्ग, हर क्षेत्र के लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। इसी में राजनीति के कुछ योद्धा ऐसे भी हैं जो कोरोना संकट में लीग से हटकर नेक कार्य में जुटे हैं। इन्हीं में शामिल यूपी की राजनीति का एक बड़ा नाम कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का है। कानून मंत्री रोजाना सैकड़ों परिवारों के लिए दो जून की रोटी का बंदोबस्त कर रहे हैं। राशन, लंच पैकेट और जरूरत के सामान का वितरण उनकी दिनचर्या का एक हिस्सा बन चुका है। न कोई दिखावा, न कोई प्रचार, बस नेक काम।
बड़ा दायित्व निभा रहे कानून मंत्री और उनकी पत्नी
जी हां, लाॅकडाउन की अवधि में कानून मंत्री पाठक द्वारा लगातार अपने क्षेत्र के साथ-साथ अन्य इलाकों में सैकड़ों जरूरतमंदों तक राशन और दूसरा जरूरत का सामान भिजवाया जा रहा है।
यह नेक काम करने में वह अकेले नहीं हैं, बल्कि उनकी पत्नी नम्रता पाठक भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं और उनका साथ दे रही हैं।
सैंकड़ों परिवारों को दो जून की रोटी का बने सहारा
रोज सैकड़ों लोगों के लिए राशन और जरूरत का सामान लेकर उनकी गाड़ियां घर से सुबह निकलती हैं। गरीबों के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करके वापस लौटती हैं।
अच्छी बात यह है कि इस काम को किसी दिखावे से दूर कानून मंत्री श्री पाठक द्वारा इतनी सादगी और धार्मिक रूप से किया जा रहा है कि इसे सिर्फ उनके जानने वाले ही जानते हैं।
सादगीपूर्ण ढंग से धार्मिक रूप में जनसेवा जारी
यही वजह है कि जो जानते हैं वे उनके कायल हो रहे हैं। इनका काम दूसरे राजनेताओं से अलग बिल्कुल शांत ठंग से चल रहा है। सबको बिना शोर-शराबे के साथ मदद मिल रही है।
हालांकि, कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के बारे में एक बात जगजाहिर है कि जो उनके पास किसी मदद की आस में पहुंचता है वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता। फिर चाहे उनके विरोधी ही क्यों न रहे हों।
कानून मंत्री की सह्रदयता से वाकिफ हैं सभी
उनको करीब से जानने वाले लोग उनकी इस सह्रदयता से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं। कोरोना संकट में लागू लाकडाउन के दौरान तो जैसे जरूरतमंद लोगों की मदद करना ही उन्होंने अपना ध्येय बना लिया है।
नेक कार्य में ताकत बनीं पत्नी नम्रता पाठक
इसी पुनीत दायित्व को निभाते हुए रोजाना कैबिनेट मंत्री श्री पाठक लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में भोजन के पैकेट और राशन के साथ ही अन्य जरूरी सामान का वितरण करा रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी नम्रता उनकी ताकत बनकर उभरी हैं।
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नम्रता न सिर्फ लंच पैकेट पैक कराती हैं, बल्कि राशन और दूसरा सामान ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके इसका भी पूरा ख्याल रखती हैं। बहराल, संकट के दौर में राजनीति के ये योद्धा राजनीति से बिल्कुल परे नजर आ रहे हैं।
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