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महिला से हवस की ‘रिश्वत’, प्रधान समेत 13 को एड्स

13 people including village headman got AIDS who took bribe from woman in Gorakhpur
प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, लखनऊः सरकारी योजनाओं के जरिए सरकार गरीबों के लिए क्या कुछ नहीं करती, लेकिन बिचौलियों सरकारी योजनाओं के बदले किस कदर गरीबों का खून निचौड़ते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर से एक ऐसी ही बेहद चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। एक महिला से हवस की रिश्वत लेना प्रधान समेत 13 लोगों को काफी महंगा पड़ गया। दरअसल, राशनकार्ड बनवाने के नाम पर विधवा महिला से एक के बाद एक 13 बिचौलियों ने महिला को अपने साथ सोने को मजबूर किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इन सभी को एड्स हो गया है। अब घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।

जांच में प्रधान समेत 13 को एड्स की पुष्टि

बताया जाता है कि मामला गोरखपुर जिले के भटहट गांव से जुड़ा है। वहां जांच में कुल 13 लोगों को एड्स की पुष्टि हुई है। इनमें ग्राम प्रधान, सचिव, एडीओ और वीडीओ से लेकर कई लोग शामिल हैं। सभी को एक ही महिला से शारीरिक संबंध बनाने के चलते एड्स का रोग रिश्वत के रूप में मिला है।

13 people including village headman got AIDS who took bribe from woman in Gorakhpur
प्रतिकात्मक फोटो।

‘काम कराना है तो आकर सो जाओ साथ’

दरअसल, गांव की एक महिला की उम्र करीब 24 साल है। वह विधवा है और कोई बच्चा भी नहीं है। गरीबी के साथ ही पूरी तरह बेसहारा है। शादी के तीन साल उनके पति की बीमारी से मौत हो गई थी। मदद की आस में महिला ने रोजगार सेवक से राशनकार्ड और विधवा पेंशन को गुहार लगाई। यह सोचकर कि कुछ राशन मिल जाया करेगा तो पेट भरता रहेगा।

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रोजगार सेवक उसे ग्राम प्रधान के पास ले गया। ग्राम प्रधान उसे सेक्रेटरी के पास लेकर पहुंचा। ऐसे करते-करते महिला की मदद को 10 और बिचौलिए मिले। सभी ने महिला को भरपूर मदद देने का भरोसा दिलाते हुए बदले में रिश्वत मांगी। रिश्वत में सभी ने महिला को साथ सुलाया और उससे शारीरिक संबंध बनाकर अपनी हवस मिटाई। वक्त और गरीबी की मारी महिला मजबूरन इसके लिए राजी होती रही।

13 people including village headman got AIDS who took bribe from woman in Gorakhpur
प्रतिकात्मक फोटो।

3 महीने पहले महिला की बीमारी से खुलासा

बताते हैं कि लगभग तीन माह पहले महिला बीमार हुई तो उसने प्रधान से इलाज कराने को कहा। प्रधान ने एक झोलाछाप से दवाई दिलाई और हमदर्दी दिखाई, लेकिन महिला ठीक नहीं हुई। इसके बाद प्रधान महिला को लेकर डाक्टर के पास पहुंचा। वहां उसके खून की जांच हुई तो उसे एड्स होने की पुष्टि हुई। जानकारी होते ही प्रधान के पैरों तले जमीन खिसक गई।

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महिला का शारीरिक शोषण करने वाले बाकी लोगों को भी जानकारी हुई तो सभी के कलेजे फट से गए। कर्मों का फल सभी को इतनी जल्दी मिल जाएगा, शायद उन्होंने सोचा तक नहीं था। बाद में महिला की जांच बीआरडी अस्पताल में कराई गई, वहां भी उसे एड्स की पुष्टि हुई।इसके बाद महिला से ‘रिश्वत’ लेने वाले सभी लोगों ने बारी-बारी से अपनी जांच कराई तो सभी को एड्स निकला।

कुकर्मों की पोल खुली, व्यवस्था पर सवाल

अब इन रिश्वतखोरों को अपनी-अपनी पत्नियों को भी एड्स होने की आशंका है, क्योंकि पत्नियों से संबंध बनाते वक्त इन लोगों ने शायद की कंडोम पहना होगा। एक ओर जहां इस घटना ने साबित कर दिया कि इंसान को अपने बुरे कर्मों का फल यहीं भुगतना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आम लोगों को किन-किन तकलीफों से गुजरना पड़ता है, बहू-बेटियों को क्या-क्या कीमत चुकानी पड़ती है, यह भी देखने को मिला। एक महिला को कुछ किलो अनाज के लिए 13 लोगों के साथ सोना पड़ा। वहीं इन रिश्तव खाने वाले लोगों की पत्नियों की क्या गलती है जो एड्स होने पर सजा भुगतने को मजबूर होंगी।

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