समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में लगभग 5 दिन पहले बसपा सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुश्वाह के रिश्तेदार एवं बेहद नजदीकी माने जाने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी प्रसाद कुशवाह से 13 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने का पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस पूरे मामले का मास्टर माइंड चित्रकूट का एक ग्राम प्रधान निकला, जिसने साफ्ट टारगेट समझते हुए पैसे वाले लक्ष्मी प्रसाद कुशवाह को शिकार बनाना चाहा। इसमें ग्राम प्रधान ने फेक आईडी पर सिम कार्ड तक लिया। इस पूरे मामले में दो और शातिर लोग शामिल रहे। यह सभी अब पुलिस की हिरासत में हैं। बताते हैं कि सभी ने अपना जुर्म कबूल किया है।
साफ्ट टारगेट समझकर हथियाना चाहते थे मोटी रकम
पुलिस द्वारा सभी को जेल भेजा जा रहा है। इस घटनाक्रम का खुलासा खुद जिले के एसपी गणेश प्रसाद साहा ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता के दौरान किया। बताया जाता है कि लगभग पांच दिन पहले बांदा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा से डेढ़ करोड़ रंगदारी मांगी गई थी। साथ ही उनको रंगदारी न देने पर परिवार समेत खत्म करने की धमकी दी गई थी। रंगदारी मांगने वाले मुख्य अभियुक्त समेत 3 आरोपियों को पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने चित्रकूट से गिरफ्तार किया है। एसपी श्री साहा ने बताया कि अभियुक्तों ने पुलिस को बताया है कि रंगदारी यह सोचकर मांगी थी कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी प्रसाद सीधे-शरीफ व्यक्ति हैं और पैसे वाले होने के कारण धमकी से डरकर रकम दे देंगे। उनको नहीं पता था कि मामला पुलिस तक पहुंच जाएगा।
पुलिस ने सर्विलांस की मदद से तीन को किया गिरफ्तार
रंगदारी मांगने की साजिश चित्रकूट के पतौड़ा के ग्राम प्रधान गया प्रसाद ने अपने साथी अतर्रा के राजा द्विवेदी के साथ मिलकर रची थी। हालांकि, अतर्रा के दिखितवारा गांव के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद का पूरा परिवार इस दौरान काफी दहशत से गुजरा। बताते हैं कि उनको 14 नवंबर को अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल पर धमकी भरी कॅाल आई थी। इसके बाद पुलिस टीम बनाई गई।
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एसपी श्री साहा ने बताया कि सर्विलांस के जरिए कॉल डिटेल को आधार बनाकर पुलिस टीम को लगाया गया था। सोमवार को पुलिस ने शातिर अपराधी एवं इस घटनाक्रम के मुख्य अभियुक्त चित्रकूट के पहाड़ी थाना क्षेत्र के बारामाफी निवासी चंद्रशेखर यादव पुत्र चंद्रभवन निवासी बारामाफी, बल्लू उर्फ जागेश्वर यादव पुत्र रामभजन तथा बांदा के अतर्रा थाना क्षेत्र के दिखितवारा निवासी राजा द्विवेदी पुत्र स्व. जागेश्वर प्रसाद द्विवेदी को गिरफ्तार कर लिया।
परिचित दुकान से लिया था फेक आईडी पर सिम कार्ड
पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया कि परिचित दुकानदार दीपक मिश्रा निवासी भैंसोधा शिवरामपुर से फेक आईडी पर सिम निकलवाकर एक नए मोबाइल से रंगदागी मांगी गई थी। आरोपियों ने बताई कि टारगेट के रूप में लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा को चुना गया, जिनके पूरे परिवार और संपत्ति की जानकारी राजा द्विवेदी ने दी।
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चंद्रशेखर नाम के आरोपी ने रंगदारी मांगने का फोन किया, जो कि एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। एसपी श्री साहा ने बताया कि चंद्रशेखर के खिलाफ यूपी और एमपी में दो दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। मामले में एक आरोपी गया प्रसाद यादव निवासी ग्राम पतोरा चौकी भरतपुर थाना कर्वी (चित्रकूट) पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं। खुलासे में अतर्रा थाना प्रभारी रामेंद्र तिवारी, उपनिरीक्षक चंद्रपाल सिंह, कांस्टेबल संदीप सिंह, सत्येंद्र कुमार की अहम भूमिका रही।
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