समरनीति न्यूज, बांदाः लाकडाउन-3 के अंतिम दिन बांदा में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई की। खुद जिलाधिकारी ने तगड़ा एक्शन लेते हुए लाकडाउन तोड़ने पर शहर के बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर नरेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार करा दिया। दरअसल, डाक्टर गुप्ता के रोडवेज के पास स्थित नर्सिंग होम में बिना प्रशासन की अनुमति के निर्माण कार्य चल रहा था। रात करीब पौने 9 बजे डाक्टर को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। हालांकि, इस कार्रवाई से डाक्टरों में हड़कंप मचा रहा। मामले में बांदा विकास प्राधिकरण के जेई की ओर से मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। पुलिस जांच में जुटी है। वहीं डाक्टर पर हुई इस कार्रवाई को लेकर शहर के डाक्टरों में भी खलबली है।
लाॅकडाउन में बनवा रहे थे नर्सिंग होम, डीएम पहुंचे
बताया जाता है कि रविवार दोपहर शहर बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर नरेंद्र गुप्ता को रविवार दोपहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी लाकडाउन अवधि में निर्माण कराए कराए जाने पर हुई।
दरअसल, पूरा मामले का खुलासा खुद जिलाधिकारी अमित बंसल की उस छापेमारी में हुआ। बताते हैं कि बिना अनुमति के डाक्टर गुप्ता द्वारा अपने रोडवेज बस स्टेशन के पास स्थित नर्सिंग होम के एक हिस्से का निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
नर्सिंग होम के हाते में बिना अनुमति जेसीबी चलती मिली
नर्सिंग होम के हाते में जेसीबी मशीन चल रही थी। इसके लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया कि डाक्टर नरेंद्र गुप्ता के खिलाफ लाकडाउन तोड़ने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उनको रात 9 बजे करीब निजी मुचलके पर रिहा किया गया है।
शहर के डाक्टरों में मची खलबली, मुकदमा दर्ज
खुलेआम लाकडाउन उल्लंघन की शिकायत मिलने पर वहां छापेमारी की गई। खुद जिलाधिकारी अमित बंसल वहां पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र कुमार सिंह व अन्य अधिकारी व फोर्स भी था। जिलाधिकारी ने पूरे मामले की तहकीकात की। पता चला कि नर्सिंग होम का निर्माण कार्य चल रहा है। जिलाधिकारी के आदेश पर निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया गया।
शहर के कई डाक्टर कोतवाली के बाहर जुटे
इसके बाद जिलाधिकारी बंसल ने वहां मौजूद डाक्टर नरेंद्र गुप्ता से इस बारे में जानकारी मांगी। बताते हैं कि डाक्टर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। बाद में डीएम के आदेश पर डाक्टर नरेंद्र गुप्ता को हिरासत में ले लिया गया। उनको गिरप्तार करके कोतवाली ले जाया गया। दोपहर करीब पौने 2 बजे हुए इस घटनाक्रम के डाक्टर गुप्ता को कोतवाली में रखा गया।
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उनके छूटने या जेल जाने को लेकर कयास लगते रहे। देर रात साढ़े 9 बजे तक डाक्टर गुप्ता को पुलिस ने कोतवाली में रखा। उधर, डाक्टर का हालचाल लेने शहर के प्रमुख डाक्टर भी कोतवाली पहुंच गए। इनमें डाक्टर अशोक गुप्ता, डा. एसपी गुप्ता, डा. जे.विक्रम, डा. एसआर वर्मा, डा. अनुराग, डा. भूपेंद्र, डा. मनोज शिवहरे, डा. रफीक, डा. राहुल उपाध्याय आदि शामिल रहे। बताते चलें कि इससे पहले प्रशासन ने बांदा के डाक्टर रफीक के नर्सिंग होम को सील कर दिया था।
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