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बांदा पुलिस का कारनामा ! मुख्यमंत्री योगी के हटाए थानेदारों की फिर कर डाली ताजपोशी

Dead body of youth found in pond of Mahaviran temple in Banda, fear of murder

समरनीति न्यूज, ब्यूरो : यूपी पुलिस का प्रयागराज जोन इस वक्त काफी चर्चा में है। पहले अतीक अहमद से जुड़ी केस डायरी के गायब होने में लापरवाही व दूसरे गंभीर आरोपों को लेकर प्रयागराज के एसएसपी निलंबित हुए। फिर महोबा के एसएसपी पाटीदार, न सिर्फ निलंबित हुए, बल्कि उनके खिलाफ हत्या का प्रयास का गंभीर मामला भी दर्ज हुआ। पुलिस उनको तलाश रही है। इसी बीच अब चित्रकूटधाम मंडल का बांदा जिला सुर्खियों में आ गया है।

सीएम योगी की सख्ती पर हटे, फिर जम बैठे

इसकी वजह है कि कुछ महीने पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध खनन पर सख्ती के बाद हटाए गए थानेदारों की दोबारा ताजपोशी। सभी थानेदारों को फिर से मलाईदार थानों की बागडौर थमा दी गई है। कुछ को दूसरे जिलों में भेजकर पोस्टिंग दी गई, तो कुछ बांदा में ही खनन क्षेत्र वाले थानों पर मलाई बटोर रहे हैं। बात साफ है कि सीएम केे आदेश भी दम तोड़ रहे हैं।

8 दिसंबर 2019 में CM योगी ने किया था दौरा

दरअसल, 8 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांदा जिले का दौरा किया था। जिले में अवैध खनन करने-कराने की शिकायतें मुख्यमंत्री योगी तक पहुंची थीं। शिकायतो में दम भी था। अवैध खनन उस वक्त चरम पर हुआ, एमपी की गाड़ियों को यूपी में अवैध ढंग से राजनीतिक संरक्षण में निकाला गया। पार्टी की जमकर फजीहत हुई। लोग सपा शासनकाल से भाजपा की तुलना कर रहे थे।

नेताओं को भी लगी थी फटकार

चर्चा रही कि स्थानीय कुछ जनप्रतिनियों ने इसे संरक्षण दिया। गाड़ियों को पास कराने के ऐवज में करोड़ों का वारा-न्यारा किया। हालांकि, नेताओं की कारगुजारी छिप नहीं सकी। सीएम योगी ने ऐसे नेताओं को जमकर फटकार लगाई थी।

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नेताओं ने इसके बाद क्या-क्या भुगता, ये तो वहीं समझ सकते हैं। दरअसल, इन नेताओं की शिकायत भी पार्टी के ही दूसरे धड़े के नेताओं ने उपर तक पहुंचाई थी। पुलिस अधिकारियों को भी मिलीभगत के लिए डांट खानी पड़ी। अवैध खनन वाले बदनाम थानों के पांच थानेदारों को लाइनहाजिर कर दिया गया था। कई और को इधर-उधर किया गया।

हटे थे बदनाम पुलिस चौकियों के दरोगा भी

जिले की अवैध खनन वाली 3 बदनाम चौकियों के इंचार्ज दरोगाओं को भी पुलिस लाइन भेजा गया था। नए सिरे से थानेदारों की तैनाती की गई। अब मुख्यमंत्री योगी के आदेशों और सख्ती को दरकिनार करते हुए इन थानेदारों को नई तैनाती देते हुए उनकी ताजपोशी कर डाली गई है।

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ताजपोशी को कुछ महीने हो चुके हैं, लेकिन हाल ही में यह मामला उस वक्त चर्चा में आया है जब महोबा और प्रयागराज के एसएसपी को गंभीर आरोपों में निलंबित होना पड़ा। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री की सख्ती का डर नहीं है।

देखे पूरी सूची : इन थानेदारों और चौकी इंचार्जों के हुए थे तबादले

Big act of Banda police ..! Chief Minister removed from police, crowned again

सूची तो देखें तो पता चलता है कि दीपक कुमार पांडे अतर्रा थाने के इंस्पेक्टर थे, जो बीती रात दूसरे जिले में स्थानांतरित हो गए हैं। स्थानांतरण तक अतर्रा थाने पर जमे रहे। इनको सीएम की सख्ती पर अवैध खनन का गढ़ कहे जाने वाले नरैनी थाने से लाइनहाजिर किया गया था। गिरवां से हटाए गए जितेंद्र कुमार इस वक्त अवैध खनन क्षेत्र के मलाईदार पैलानी थाने में तैनात हैं। सूची देखकर हकीकत को समझा जा सकता है।

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