समरनीति न्यूज, लखनऊः यूपी में भ्रष्टाचार का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का संदेश भी दे दिया। दरअसल, पशुधन विभाग के कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव और राज्यमंत्री के दफ्तर में एक अफसर ने मिलीभगत करते हुए करोड़ों का खेल कर दिया। आरोप है कि इन लोगों ने विभाग में ठेका दिलाने का जाल बिछाकर एक व्यापारी को फंसाया। इसके बाद उसके 9 करोड़ रुपए हड़प लिए। इस मामले में 11 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हो गई है। आरोपियों में एक मंत्री के निजी सचिव और कर्मचारी भी शामिल हैं। मामले की जांच एसटीएफ को दी गई थी। बताते हैं कि जांच में पूरा मामला सही पाया गया।
इंदौर का रहने वाले हैं पीड़ित व्यापारी
बताते हैं कि मंजित सिंह भाटिया उर्फ मिंकू इंदौर की पूर्णिया कॉलोनी के रहने वाले हैं। वह पशुधन विभाग में आटा व दूसरे सामान का ठेका लेते हैं। उनका आरोप है कि एक व्यक्ति खुद को पशुधन विभाग का निदेशक एसके मित्तल बताकर उनसे मिला। इस व्यक्ति का नाम आशीष राय था। आरोप है कि इस मामले में पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार व पशुधन विभाग के राज्यमंत्री के दफ्तर में तैनात उमेश मिश्र तथा खुद को पत्रकार कहने वाले संतोष मिश्र, एके राजीव, अनिल राय और फरीदाबाद के रहने वाले अमित मिश्र, राजधानी लखनऊ के ही रहने वाले रजनीश, डीबी सिंह, मुंबई के अरुण राय के साथ-साथ कानपुर के उमाशंकर तिवारी शामिल थे।
यह है पूरा मामला, जांच के बाद रिपोर्ट
पीड़ित का आरोप है कि इन सभी आरोपियों ने वाकयदा गैंग बनाकर घनटा को अंजाम दिया और पीड़िज मंजित उर्फ मिंकू को धोखा दिया। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पीड़ित मंजित उर्फ मिंकू की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में शनिवार को देर रात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मामले में आरोपी एक व्यक्ति अरुण राय मौजूदा वक्त में मुंबई में रहता है। वह यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है। बताते हैं कि उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। बताते हैं कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। आने वाले दिनों में कुछ अन्य खास लोगों के नाम का भी खुलासा हो सकता है।
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