समरनीति न्यूज, लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील न मानते हुए दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों को कोरोना प्रकोप भुगतना पड़ा। जमात में शामिल 10 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं, 25 लोग जांच में कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में यूपी में ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत हो गई है। यूपी सरकार जितनी सिद्धत से कोरोना वायरस को सेकेंड से थर्ड स्टेज में पहुंचने से रोकने में जुटी है, वहीं ऐसे लोग मुश्किलें बढ़ाते करते नजर आ रहे हैं।
खुद के साथ परिवार-समाज और देश को संकट में धकेला
ऐसा करके जमात में शामिल हुए इन लोगों ने खुद को, परिवार और समाज के साथ देश को संकट में धकेलने का काम किया है। ऐसे लोगों की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। बताते चलें कि कोरोना संकट के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 से 15 मार्च के बीच जमात लगी थी। यूपी के 19 जिलों से लोग शामिल होने जा पहुंचे। इनकी संख्या करीब 160 बताई जा रही है। इस चार दिवसीय जमात में देश के दूसरे हिस्सों के लोगों ने विदेशों से आए लोगों से संपर्क किया।
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इसी जमात में तेलंगाना के छह लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और सभी की मौत हो गई। वहीं दो दर्जन से ज्यादा लोग जांच में पॉजिटिव पाए गए। सरकार जमात में पहुंचे यूपी के लोगों की पहचान करने में जुटी है।
सबसे ज्यादा मुजफ्फरनगर से थे 28 लोग, लखनऊ से 20
जमात में शामिल यूपी के सबसे ज्यादा 28 लोग मुजफ्फरनगर से हैं। वहीं मेरठ से 24 और लखनऊ से 20 हैं। इस तब्लीगी जमात में गाजियाबाद, सहारनपुर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, बलरामपुर और गोंडा जिले से भी लोग पहुंचे थे। राहत देने वाली बात यह है कि जमात में शामिल यूपी के सभी लोग इस वक्त दिल्ली में हैं। वहां अस्पतालों में उनको क्वारंटाइन किया गया है।
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