समरनीति न्यूज, डेस्कः उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट का सबसे ज्यादा प्रकोप झेलने वाले शहरों में एक पश्चिमी यूपी के मेरठ में निजी लैब का कोरोना जांच में खिलवाड़ का बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, मेरठ के जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने इस मामले को पकड़ा है। इसके बाद जिलाधिकारी ने शासन को गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित इस निजी पैथोलॉजी माडर्न डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा है। फर्जीवाड़े का खुलासा उस वक्त हुआ जब इस निजी लैब की जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए कुल 8 लोगों में से छह की जांच रिपोर्ट सरकारी लैब की जांच में निगेटिव आ गई।
जिलाधिकारी मेरठ ने पकड़ा मामला, लैब की जांच पर रोक
इसके बाद जिलाधिकारी मेरठ ने लैब की जांच पर रोक लगा दी। साथ ही सीएमओ को उक्त लैब के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बताया जाता है कि गुरुग्राम की माडर्न डायग्नोस्टिक़ एंड रिसर्च सेंटर की जांच रिपोर्ट में कई मामले पाॅजिटिव आए। एक महिला की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग का माथा ठनका। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारी को जानकारी दी। जिलाधिकारी के निर्देश पर दो दिनों में आठ पॉजिटिव रिपोर्ट से संबंधित व्यक्तियों के सैंपुल दोबारा लेकर मेडिकल कालेज की लैब में जांच को भेजे गए। इन 8 सैंपुल में 6 की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद प्रशासन ने तत्काल इस निजी लैब की जांच पर रोक लगा दी।
लैब का लाइसेंस निरस्त करने व कानूनी कार्रवाई की संस्तुति
जिलाधिकारी ने शासन और सीएमओ पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई को कहा है। साथ ही इस लैब का लाइसेंस निरस्त करने की भी सिफारिस की है। मामले में जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा ने कहा है कि गुरुग्राम की इस निजी लैब की यह बड़ी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने कहा कि 8 में 6 सैंपुल की रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव मिली है। इसी आधार पर लैब का लाइसेंस निरस्त करने के साथ-साथ शासन को पत्र भेजकर कानूनी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। साथ ही सीएमओ को भी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।
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