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बांदा में लेखपालों ने बुलंद की हक की आवाज, आंदोलन जारी

Lekhpalas performed for demands in Banda

समरनीति न्यूज, बांदाः उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रांतीय आह्वान पर जिला लेखपाल संघ भवन तहसील परिसर में अब्दुल सलीम की अध्यक्षता में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संपूर्ण कार्य बहिष्कार एवं धरना-प्रदर्शन जारी रहा। धरना प्रदर्शन एवं कार्य बहिष्कार में जिले के समस्त लेखपाल शामिल रहे। सभा का संचालन बालकृष्ण शिवहरे तहसील अध्यक्ष ने किया। इस मौके पर जिलेभर के लेखपाल इकट्ठा हुए। 17वें दिन धरना-प्रदर्शन में शिवचंद्र यादव जिलाध्यक्ष ने कहा है कि सरकार व अधिकारी चाहते हैं कि लेखपाल अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन भी करें और मांगे भी रखें, जो संभव नहीं है। कहा कि जबतक मांगें पूरी नहीं होंगी, काम नहीं होगा।

कहा, सरकार की सख्ती के आगे झुकेंगे नहीं

उन्होंने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। आज गुरुवार के धरना-प्रदर्शन में राकेश कुमार बुंदेला जिला मंत्री ने कहा कि हमारा आंदोलन प्रांतीय निर्देशन पर चल रहा है जो मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा। कोषाध्यक्ष भानुप्रताप गुप्ता ने कहा कि सरकार की दमनात्मक कार्रवाई से हम लोग डरने वाले नहीं हैं। मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

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सुशील कुमार श्रीवास्तव पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन पर सरकार मुंह बंद किए बैठी है। राजेंद्र सिंह पटेल पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारी सभी आठ सूत्रीय मांगे जायज हैं। मांगों को पूरा कराने के लिए जी-जान लगा देंगे। लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि इस बार आरपार की लड़ाई होगी, हम अपनी मांगें पूरी करवाकर ही दम लेंगे।

बड़ी संख्या में शामिल हुए जिले के लेखपाल

कमलेश बाबू ने कहा कि लेखपालों की मांगे 10 वर्ष पुरानी हैं जिनको पूरा करना सरकार का नैतिक कर्तव्य है। कुमारी खुशबू गुप्ता व कुमारी प्रीती कुशवाहा ने काव्य पाठ से अपने आंदोलन में उर्जा का संचार किया। धीरेंद्र सिंह पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस बार हम अपनी पूरी ताकत लगा देंगे और अपनी मांगें पूरी करवाएंगे।

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रामकिशोर कुशवाहा तहसील अध्यक्ष बबेरू ने कहा कि किसी भी प्रकार की कार्रवाई से आंदोलन बंद नहीं होगा। संपूर्ण कार्य बहिष्कार एवं धरना-प्रदर्शन में कुमारी निधि गुप्ता, मशिता शुक्ला, संजना वर्मा, प्रियंका नायक, मान सिंह, रमेश, कुलदीप, कृष्णचंद्र, रामचंद्र सोनी, रामसजीवन, धर्मराज कुशवाहा, अवधेश कुमार, ब्रजमोहन वर्मा, नर सिंह नारायण, संतोष त्रिपाठी, सुजीत कुमार, धर्मराज सिंह, आशुतोष यादव, शिवाकांत वर्मा, राममूरत पटेल, हरिओम यादव, राजकुमार सोनकर, छंगूराम वर्मा, गुलाब सिंह, दिनेश यादव, इंद्रजीत कुशवाह, लालमणि यादव, उमादत्त मिश्र, महेंद्र सिंह, रामगुलाम साहू, किशनपाल, प्रिंस शुक्ला, नरेश यादव, वीरेंद्र पटेल, रामजियावन, रामभवन वर्मा, महेश यादव, दीपक त्रिपाठी, विनोद रावत, नरेश गर्ग, सुरेश श्रीवास्तव आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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