समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में खनिज और आरटीओ विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ओवरलोडिंग का खेल किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में एंटी करप्शन विभाग की टीम ने जिले में अवैध रूप चलाए जा रहे खनिज विभाग द्वारा वसूली के बैरियर पर छापा मारा। इस दौरान टीम के सदस्यों ने मौके से 8 लोगों को वसूली करते पकड़ा। इतना ही नहीं, मौके से छह लाख से ज्यादा रुपए, 8 मोबाइल, बोलेरो जीप आदि सामान बरामद किया। इस अभियान की सफलता की एक वजह यह भी रही कि संबंधित चिल्ला थाना पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी गई। क्योंकि टीम को एहसास था कि थाना पुलिस को पहले से सूचना दी तो पहले ही सबकुछ हटा दिया जाएगा।
6 लाख 10 हजार, 8 मोबाइल, गाड़ी बरामद
अब टीम ने अभियुक्तों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी को चिल्ला पुलिस को सौंप दिया गया है। आरोपियों में खनिज विभाग के बाबू से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक लिप्त है। बताया जाता है कि गुरुवार सुबह करीब 8 बजे एंटी करप्शन ब्यूरो लखनऊ व कानुपर की संयुक्त टीम ने चिल्ला थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित खनिज बैरियर पर छापा मारा। वहां इस टीम ने दो खनिज कर्मियों समेत आठ लोगों को अवैध वसूली करते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
नेता-पुलिस, विभाग की मिलीभगत से गड़बड़झाला
बताते हैं कि जिले के चिल्ला और तिंदवारी थाना क्षेत्र में करीब 4 माह से खनिज बैरियर के नाम पर अवैध वसूली का गिरोह सक्रिय था। इसी शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने प्रावइेट वाहनों में पहुंचकर छापेमारी की। मौके पर एंटी करप्शन टीम के हत्थे आठ लोग लगे। इनमें खनिज लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल है।
आरोपियों में शामिल हैं ये लोग
एंटीकरप्शन टीम ने जिन लोगों को पकड़ा उनमें खनिज विभाग का लिपिक विक्रम बहादुर पुत्र गुलाबचंद्र निवासी मिर्जापुर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेंद्र प्रसाद पुत्र चुन्नीलाल निवासी मिर्जापुर, रामप्रवेश पुत्र सीताराम निवासी महाराजगंज, रामकुमार पुत्र गयाप्रसाद निवासी ग्योढ़ीबाबा शहर बांदा, सत्यप्रकाश पुत्र अर्जुन प्रसाद शिवापुर अमेठी, गुड्डू पुत्र रामचंद्र निवासी मिर्जापुर, शाद अहमद पुत्र वसीम अहमद व शैलेंद्र पुत्र अर्जुन निवासी चिल्ला शामिल हैं।
अचानक छापेमारी से मचा हड़कंप
एंटी करप्शन टीम के छापे से अवैध वसूली कर रहे सरकारी व गैरसरकारी कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। हालांकि, टीम के सदस्यों ने सभी को दौड़ा-दौड़ाकर पकड़ लिया। बाद में पुलिस सूचना देते हुए पुलिस की मदद से आरोपियों को चिल्ला थाने ले जाया गया। वहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। बताते हैं कि टीम के अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। सूचना पर बांदा के सीओ सदर राघवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे।
मिलीभगत से चल रही अवैध वसूली
बताया जाता है कि खनिज बैरियरों के नाम पर चिल्ला व तिंदवारी थाने में अलग-अलग बैरियर लगाकर ओवरलोडिंग व बिना रवन्ने के वाहन पास कराने के एवज में अवैध वसूली का खेल 20 मार्च 2020 से लगातार चल रहा है। खनिज विभाग और आरटीओ विभाग के अधिकारियों की शह पर विभागीय कर्मचारी अपने गुर्गों से लाठी-डंडों की दम पर खुलेआम अवैध वसूली करा रहे थे। बीते 4 महीनों में करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की गई है। हालांकि, खनिज विभाग और आरटीओ विभाग की अवैध वसूली का यह पहला मामला नहीं है। ओवरलोडिंग के नाम पर बालू खदानों में भी अवैध खेल चलता रहता है। हाल ही में खनिज निदेशक रोशन जैकब ने खनिज विभाग के सर्वेयर व एक महिला लिपिक पर कार्रवाई की थी। इसके बाद भी अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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