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बांदा : शहर से गांवों तक शराब की ओवररेट बिक्री, ‘टारगेट की चादर’ में छिपे अधिकारी बने पैरोकार

Over-rate liquor sold from city to village in Banda, Excise officer hidden in 'target sheet'
प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में कोरोना संकट काल में लगभग ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारी इस वैश्विक महामारी से जनता को बचाने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर जिले के आबकारी विभाग में जबरदस्त ढंग से गड़बड़झाला चल रहा है। सूत्रों की माने तो विभाग के अधिकारियों के मौन समर्थन से जिलेभर में देशी और अंग्रेजी शराब की निर्धारित से अधिक कीमतें वसूली जा रही हैं। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के बीच निर्धारित समय के बाद भी दुकानें खुल रही हैं। इसके लिए डबल चार्ज तक वसूल लिया जाता है। यानि अगर 9 बजे के बाद शराब दी तो उसके 10 से 20 रुपए ‘रिश्क कवर’ अलग से ग्राहक से वसूला जाता है।

शराब दुकानदारों की मनमानी हावी

वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग के अधिकारी राजस्व वसूली के टारगेट की चादर तले कहीं छिप से गए हैं। वहीं दुकानदारों का दबी जुबान कहना है कि बीते दिनों लाॅकडाउन में भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में बांदा जिला मुख्यालय पर शराब की बिक्री करने वालों की मनमानी से लोग परेशान हैं। ऐसा ही हाल ग्रामीण इलाकों में है। सूत्र बताते हैं कि नरैनी, बबेरू, गिरवां, तिंदवारी, अतर्रा, बदौसा, चिल्ला, महोखर जैसी जगहों पर शराब की खुलेआम ओवररेट के साथ-साथ रातभर बिक्री हो रही है। इसकी बड़ी वजह लोकल पुलिस की ढिलाई और आबकारी विभाग की कथित मिलीभगत है।

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सूत्रों का कहना है कि अपना टारगेट पूरा करने के लिए जिले के आबकारी विभाग के अधिकारी गलत-सही की ओर से मुंह घुमाए बैठे हैं। दरअसल, जानकार तो बताते हैं कि लाॅकडाॅउन में विभाग को राजस्व वसूली में जो चपत लगी है, उसे पूरा करने के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी सरकारी नियमों को लेकर खुद ही ढिलाई बरत रहे हैं। अधिकारियों से बात करने पर महसूस भी होता है कि वह अफसर कम और शराब कारोबारियों के पैरोकार ज्यादा हैं। कार्रवाई करने की बात कहने की बजाए, दूसरी समस्याओं की ओर बात मोड़ते नजर आते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओवररेट कैसे हो रहा है।

जिला आबकारी अधिकारी बोले

जिला आबकारी अधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि ओवररेट शराब न बिके इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। अगर कहीं ऐसी शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे। हालांकि, उन्होंने अन्य समस्याएं भी बताईं। वहीं मई माह में बांदा के छोटी बाजार में बिना अनुमति शराब दुकान खुली मिलने के मामले में बताया कि एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। हालांकि, शहर की एक माॅडल शाप के ताले की सील खुली मिलने के मामले में आबकारी अधिकारी ने कहा कि वहां सील नहीं खुली थी, बस ताले से थोड़ा सा कपड़ा हट गया था। उन्होंने कहा कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी।

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