समरनीति न्यूज, लखनऊ/अयोध्याः भगवान राम की नगरी अयोध्या के रहने वाले एक ऐसे शख्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पद्मश्री दिया है जो बीते कई वर्षों से लावारिस लाशों के वारिस की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाए हुए हैं। यह शख्स हैं रामनगरी के मोहम्मद शरीफ। गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री पाने वाले लोगों की सूची में मोहम्मद शरीफ का भी नाम शामिल हैं। इस सम्मान से शरीफ बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि ‘मोदी सरकार ने मेरी सेवाओं की कद्र करते हुए यह सम्मान दिया है।’ शरीफ आगे कहते हैं कि ‘मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सम्मान का फैसला किया है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया फरिश्ता
दरअसल, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले समाजसेवी मोहम्मद शरीफ ने कहा कि वह चाहते हैं कि मोदी सरकार हमेशा सत्ता में बनी रही। साथ ही जनहित की योजनाओं को बढ़ाएं।
वहीं मोहम्मद शरीफ ने पद्मश्री सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम मोदी जैसा इंसान दुनिया में नहीं है। शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक फरिश्ता हैं। उन्होंने गरीबों के लिए काम किया है। बताते चलें कि मोहम्मद शरीफ बीते 27 वर्षों से हिंदू-मुस्लिम, सिख-इसाई सभी के लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।
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हिंदू का सरयू घाट पर अंतिम संस्कार और मुसलमान की लाश को कब्रिस्तान में दफन करना रोज का काम है। बताया जाता है कि शरीफ अब तक लगभग 3 हजार हिंदू और ढाई हजार मुसलमानों के लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं। आज गणतंत्र दिवस पर प्रभारी मंत्री नीलकंठ तिवारी ने मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री सम्मान दिया। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी मोहम्मद शरीफ को बधाई दी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।
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