समरनीति न्यूज, लखनऊ/कानपुरः देशभर में 50 से ज्यादा सीरियल बम धमाकों के आरोपी आतंकी डा. जलीस को एसटीएफ ने बड़ी ही सतर्कता से कानपुर से उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह मस्जिद से नमाज पढ़कर बाहर निकला था। इसकी जानकारी पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने दी है। बताते हैं कि अजमेर ब्लास्ट मामले में पकड़ा गया जलीस बम बनाने में मास्टर है और इसीलिए उसे डाक्टर बम के नाम से जाना जाता है।
पैरोल पर छूटकर भागा था कुख्यात आतंकी
खतरनाक आतंकी डा. जलीस पैरोल मिलने के बाद मुंबई से भाग निकला था जिसके बाद यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने पूरी टीम को सतर्क कर दिया था। उधर, भागा हुआ आतंकी जलीस बलास्ट में शामिल अपने साथियों से मिलने की उम्मीद में कानपुर पहुंचा था। सूत्र बताते हैं कि यहां रहने वाले उसके एक साथी की मौत हो चुकी है और दूसरा उसे मिला नहीं। उसने यहां एक धार्मिक स्थल में शरण ली। शुक्रवार को नमाज पढ़कर एक नाबालिग लड़के की ऊंगली पकड़े निकला था। उसका इरादा था कि ऐसा करने से लोग उसे पहचान नहीं पाएंगे।
चंद मिनटों में करा ली गई मुंबई से पहचान
इसी दौरान पहले से सादे कपड़ों में तैनात एसटीएफ कानपुर यूनिट की टीम के प्रभारी घनश्याम यादव और उनकी टीम आतंकी पर लगातार नजर रख रही थी। योजना के मुताबिक एसटीएफ का एक जवान उसके पास पहुंचा। बताया जाता है कि जवान ने बड़ी होशियारी से आतंकी को बातों में लपेटा। जवान ने आतंकी से कहा, और चचा कैसे हो, पहचाना..हम अजमेर जेल में साथ में थे। सिपाही ने बातों में उलझाकर जलीस की फोटो खिंचकर अधिकारियों को भेजी और वहां से मुंबई पुलिस को भेजी गई। मुंबई पुलिस ने उसकी पहचान ओके कर दी। सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि कुछ ही देर में एसटीएफ ने जलीस को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद वहां से ले गए।
पैरोल पर छूट भागकर कानपुर पहुंचा जलीस
दरअसल, आतंकी डा. जलीस गुरुवार को मुंबई से भाग निकला था, जिसे कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आतंकी जलीस देश से भागने की फिराक में था। वह उम्रकैद का सजायाफ्ता है और बीती 26 दिसंबर से 3 सप्ताह के लिए पैरोल पर था। आतंकी जलीस पर 50 से ज्यादा बम धमाकों का आरोप है। डीजीपी ने बताया है कि फिलहाल पूछताछ जारी है। कानपुर से गिरफ्तारी के बाद उसे लखनऊ ले जाया गया है। वह मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों का भी मुख्य आरोपी है।
इसलिए बुलाया जाता था डाक्टर बम
मीडिया रिपोर्ट्स में बताते हैं कि डा. जलीस अंसारी एक एमबीबीएस डाक्टर है और वह आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता था। बताते हैं कि वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा रहा है। इतना ही नहीं बम बनाने में माहिर है और आतंकियों को इसी की ट्रेनिंग भी देता था। यही वजह है कि उसके साथी आतंकी उसे डाक्टर बम के नाम से बुलाने लगे। बताते हैं कि गिरफ्तारी ने उसने माना कि वह पैरोल पर छूटने के बाद मुंबई से भागकर कानपुर आ गया था। उधर, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि वह मूलरूप से यूपी के संतकबीरनगर का रहने वाला है। उसका नाम 50 से अधिक सीरियल बम धमाकों में था।
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