समरनीति न्यूज, कानपुरः परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार आज ब्रह्मलीन हो गए। बुधवार को सुबह उन्होंने देह त्याग दी। शोभन सरकार उस वक्त तेजी से चर्चा में आए थे जब उन्होंने उन्नाव जिले के एक किले में 1000 टन सोना दबा होने की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद सरकार ने उनके कहने पर खजाने की तलाश में खुदाई भी कराई थी, लेकिन खजाना नहीं मिला था।
11 साल की उम्र में बन गए थे सन्यासी
शोभन सरकार की बात काफी सच मानी जाती थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी भविष्यवाणी के बाद खजाने के हकदार भी जुट गए थे।
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राजा के वंशज दाबेदारी करने के लिए मौके पर डट गए थे। वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। तत्कालीन सपा सरकार ने कहा था कि खजाना राज्य सरकार का होगा। बताते हैं कि शोभन सरकार का जन्म कानपुर देहात के शुक्लनपुरवा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। वह सफेद रंग का साफा बांधते थे और गेरुआ रंग का लंगोट बांधते थे।
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