समरनीति न्यूज, कानपुरः सोमवार को कानपुर यूनिवर्सिटी की खो-खो कैप्टन डीजीपीजी कॉलेज की छात्रा ने हास्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। इसकी जानकारी सुबह उस वक्त हुई जब पास के कमरे में रहने वाली छात्रा ने देर तक रूम न खुलने पर दरवाजा खटखटाया। अंदर से जवाब नहीं आया तो साथी छात्रा ने खिड़की से अंदर झांककर देखा। उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे के भीतर फांसी के फंदे पर छात्रा का शव लटक रहा था। पुलिस का कहना है कि छात्रा ने सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें खुद को ही अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उधर, फारेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर छानबीन की है।
लखीमपुर खीरी की रहने वाली थी छात्रा
बताया जाता है कि लखीमपुर खीरी की शांतिनगर कालोनी में रहने वाले जनरल मर्चेन्ट कारोबारी ब्रजेश मिश्र की बेटी इशिता मिश्रा (20) कानपुर के दयानंद गर्ल्स कॉलेज से बीएससी कर रही थी। वह बीएससी में दूसरे वर्ष की छात्रा थी। इसके साथ ही खेलकूद में भी बेहतर थी। वह यूनिवर्सिटी में खो-खो टीम की कैप्टन थी। बताते हैं कि पहले वह कानपुर के परमट में किराए पर कमरा लेकर रहती थी।
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इसके बाद बीती 3 फरवरी से हास्टल में आकर रहने लगी थी। बताया जा रहा है कि बीती देर रात खाना खाने के बाद वह पड़ोसी छात्रा से बातचीत करने के बाद किसी का फोन आने पर अपने रूम में चली गई थी। सुबह उसका शव लटका मिला। पुलिस को सूचना दी गई। मामले में थाना प्रभारी संजीवकान्त मिश्र ने बताया है कि छात्रा ने सुसाइड नोट छोड़ा है। उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं छोड़ा है। परिवार में उसकी मां निशा खुद एक शिक्षिका हैं। छोटा भाई नवोदय कालेज में 11वीं का छात्र है।
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