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यूपी ATS का खुलासा, कराची में खाला के घर से आतंकवादी बनकर लौटा राशिद, पोस्टर चिपकाने की आड़ में जासूसी

UP ATS arrests ISI terrorist Mohammad Rashid from Varanasi

समरनीति न्यूज, लखनऊः यूपी एटीएस ने सेना इंटेलिजेंस के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से एक शातिर किस्म के आईएसआई (ISI) एजेंट को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। बताया जाता है कि आतंकी का नाम राशिद अहमद है और वह मूल रूप से चंदौली जिले के मुगलसराय थाना क्षेत्र के चौरहाट पड़ाव का रहने वाला है। वह आईएसआई (ISI) के लिए काम कर रहा था और वाराणसी में स्थित सीआरपीएफ और सेना के ठिकानों की तस्वीरें खींचकर पाकिस्तान भेज रहा था। इंपुट मिलने के बाद सेना इंटेलीजेंस और एटीएस उसकी गिरफ्तारी के लिए एक्टिव हो गए। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आतंकी राशिद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

कई चौंकाने वाले खुलासे कर रहा पकड़ा गया आतंकवादी

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि राशिद पोस्टर चिपकाने का काम करता है और इसलिए उसपर किसी को शक नहीं होता था, लेकिन सेना इंटेलिजेंस को उसके कारनामों का इंपुट मिला था, जिसके बाद से खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई थीं। पूछताछ के दौरान राशिद ने कई चौंकाने वाले खुलासे करते हुए अहम जानकारियां दी हैं। खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

2018 में अपनी खाला के घर पाकिस्तान गया था राशिद

बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान मोहम्मद राशिद ने स्वीकारा है कि वह 2018 में पाकिस्तान के कराची में रहने वाली अपनी खाला के घर गया था। वहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया था। तभी से आतंकी बन बैठा और देश की खुफिया जानकारियां वापस आकर पाकिस्तान को भेजने लगा। वाराणसी से गिरफ्तार करने के बाद अब एटीएस राशिद से लखनऊ में कहीं पूछताछ कर रही है। मोहम्मद राशिद 2018 में कराची में रहने वाली अपनी खाला के घर गया था।

यहां के सिमों पर पाकिस्तान से व्हाट्सएप ग्रुप चला रही ISI

उसने बताया कि वहीं से वह आईएसआई के संपर्क में आ गया। इसके बाद 2019 से वह देश के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की तस्वीरें पाकिस्तान भेजने लगा। राशिद ने बताया है कि सेना के साथ सीआरपीएफ (CRPF) के ठिकानों की भी रेकी की थी। चौंकाने वाली बात यह है कि 23 वर्षीय राशिद पुत्र इदरीस अहमद ने वाराणसी में बीएचयू के छित्तूपुर में रहते हुए इस काम को अंजाम दिया है। बताते हैं कि वह पोस्टर और बैनर चिपकाने का काम करता था, इसलिए बिना संदेह अपने काम को अंजाम दे रहा था। इसी बीच आर्मी इंटेलीजेंस को जानकारी मिली। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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