समरनीति न्यूज, बांदाः जिले के सिंचाई विभाग पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की बंदरबांटी के आरोप अक्सर लगते रहे हैं। ऐसे में एक नया मामला सामने आया है। लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता के साथ ही एक बाबू (लिपिक) के खिलाफ लूट, धमकी और मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा विभाग के ही एक सेवानिृवत कर्मचारी की ओर से दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। बताते हैं कि मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ है। मुकदमा दर्ज होने के बाद विभाग में हड़कंम मच गया है। हालांकि, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहने वाले सिंचाई विभाग के लिए यह कोई पहला मौका नहीं है जब विभाग की साख पर बट्टा लगा हो।
पूर्व कर्मचारी की तहरीर पर मुकदमा
बताया जाता है कि लघु सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी कल्लूराम विश्वकर्मा का आरोप है कि उनके रिटायर होने के बाद विभाग के आरोपी अधिकारियों व बाबू ने मिलकर उनके सेवा से संबंधित अभिलेखों को विभाग से गायब कर दिया है। उनका कहना है कि जब मामले की जानकारी हुई तो वह कार्यालय पहुंचे। वहां आरोपी अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता ने उनको धमकियां दी। धमकी देते हुए कहा कि अगर नेतागीरी करोगे तो पीटकर ठीक कर देंगे। यह मामला 19 सितंबर का बताया जा रहा है। आरोप है कि इसके बाद पुलिस से मामले की शिकायत करने की बात कहते हुए वह दफ्तर से निकले।
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विकास भवन के पास उक्त दोनों अधिकारियों व अन्य आरोपियों ने उनको पकड़कर न सिर्फ पीटा, बल्कि उनसे सोने की चेन तथा 5 हजार की नगदी छीन ली। पीड़ित का यह भी कहना है कि उन्होंने घटना की जानकारी तुरंत ही सिविल लाइन पुलिस चौकी पहुंचकर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को दी। साथ ही घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी। मामला अधिकारियों से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
अदालत के आदेश पर मामला दर्ज
इसके बाद पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। पीड़ित ने लिहाजा विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम)/अपर सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार की अदालत में अर्जी देते हुए गुहार लगाई। कोतवाली प्रभारी ने बताया है कि न्यायालय के आदेश पर अधिशासी अभियंता विजय शंकर, सहायक अभियंता प्रमोद कुमार मिश्रा तथा लिपिक राजेंद्र प्रसाद समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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