आशा सिंह, लखनऊ : करीब दो साल से यूपी पुलिस के लिए सिरदर्द बने फरार आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने आज लखनऊ की अदालत में समर्पण कर दिया। महोबा के क्रशर व्यापारी से रंगदारी वसूलने व उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सस्पेंड चल रहे तत्कालीन महोबा एसपी एवं IPS मणिलाल पाटीदार पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित था। आज शनिवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण की अदालत में उन्होंने सरेंडर किया। इसके बाद न्यायिक हिरासत में उन्हें 17 अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया।
महोबा के एसपी थे पाटीदार, 1 लाख रुपए था ईनाम
बताते चलें कि इस मामले में कबरई के बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला और सिपाही अरुण यादव, सुरेश सोनी और ब्रह्मदत्त तिवारी पहले ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
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दरअसल, 11 सिंतबर, 2020 को मृतक इंद्रकांत त्रिपाठी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार समेत पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
महोबा में मुकदमा, दरोगा-सिपाही हो चुके बर्खास्त
आरोप है कि उनके भाई इंद्रकांत से आरोपियों ने प्रतिमाह 6 लाख रुपए की अवैध वसूली की। लाकडाउन में वसूली की रकम न देने पर उनको धमकी थी। 8 सितंबर को वह गोली लगने से घायल हुए। इसके बाद 13 सितंबर को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
मामले में सरकारी अधिवक्ता अभय त्रिपाठी के अनुसार मामले की एफआईआर आईपीसी की धारा 387 (रंगदारी), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (साजिश) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 में दर्ज थी। बाद में पीड़ित की मृत्यु के बाद मामला 302 (हत्या) में तरमीम हो गया था।
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