समरनीति न्यूज, लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई जारी हैं। इसी क्रम में तबादलों-पोस्टिंग में लाखों की डील के आरोपों को लेकर यूपी के दो आईपीएस अधिकारियों, डा. अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है।
कुल 5 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में योगी सरकार से हरी झंडी मिलने पर अब विजिलेंस ने दोनों आईपीएस समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहते रिपोर्ट दर्ज की है। सूत्र बताते हैं कि यह रिपोर्ट विजिलेंस के मेरठ सेक्टर के थाने में दर्ज हुई हैं। खास बात यह है कि मेरठ के इस नए विजिलेंस थाने में यह पहला मुकदमा होगा, जो दो आईपीएस अधिकारियों समेत पांच लोगों पर दर्ज हुआ है।
गोपनीय रिपोर्ट पर शुरू हुई थी जांच
सूत्रों की माने तो इन दो मुकदमों में एक आईपीएस डा. अजय पाल के खिलाफ तथा दूसरा आईपीएस हिमांशु कुमार के खिलाफ दर्ज हुआ है। तीन और लोगों को आरोपी बनाया गया है। कहा जा रहा है कि शासन जल्द ही दोनों अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर सकता है।
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बताते चलें कि वर्तमान में आईपीएस डा अजय पाल पीटीएस उन्नाव तथा आईपीएस हिमांशु कुमार पीएसी इटावा में तैनात हैं। बताते हैं कि दोनों आईपीएस अधिकारी बीते दिनों विजिलेंस की जांच में दोषी पाए गए थे। इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर की संस्तुति हुई थी। बता दें कि पूर्व में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, इसके बाद एक आपित्तजनक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद खुद आईपीएस वैभव कृष्ण को भी सस्पैंड कर दिया गया था।
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