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UP : बुंदेलखंड के कठिया गेहूं को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, योगी सरकार ने शुरू की पहल

UP : Kathia wheat of Bundelkhand will get national identity, Yogi government has started initiative

समरनीति न्यूज, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में उगने वाला कठिया गेहूं पूरे देश में पहचान पाएगा। इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहल शुरू कर दी है। दरअसल, यूपी की योगी सरकार कठिया गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने को कई प्रयास कर रही है।

झांसी में कठिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर कंपनी का गठन

झांसी में किसान उत्पादक संगठन बनाकर कठिया गेहूं उत्पादन से जुड़े किसानों को संगठित किया जाएगा।

UP : Kathia wheat of Bundelkhand will get national identity, Yogi government has started initiative

साथ ही कठिया गेहूं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए झांसी में कटिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया है।

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कंपनी के माध्यम से कठिया गेहूं को जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर दिलाने की दिशा में भी पहल हो चुकी है। इससे इस गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों को ज्यादा फायदा होगा। जीआई टैग के बाद बुंदेलखंड को कठिया गेहूं के उत्पादक क्षेत्र के रूप में खास पहचान मिल सकेगी।

प्रतिकात्मक फोटो।

FPO से 400 से ज्यादा किसान जोड़े

कठिया गेहूं को प्रोत्साहित करने के लिए बने एफपीओ से 400 से ज्यादा किसान जोड़े गए हैं। बताते चलें कि झांसी में मऊरानीपुर, बंगरा, बामौर, गुरसराय जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कठिया गेहूं की पैदावार होती है।

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झांसी के मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद का कहना है कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में पहल कर चुकी है। इस क्षेत्र में कठिया की अच्छी पैदावार है। इस खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एफपीओ बना है।

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इसलिए खास है बुंदेलखंड का कठिया गेहूं

दरअसल, कठिया गेहूं की खेती बुंदेलखंड में काफी पहले से होती आ रही है। इसका उपयोग बिस्किट, सूजी, दलिया, उपमा आदि के रूप में खासतौर पर किया जाता है। साथ ही इसका दलिया भी काफी पसंद किया जाता है। कहा जाता है कि इस गेहूं का दलिया खाने से गैस और अर्थराइटिस जैसी बीमारियां नहीं होती हैं। इसकी रोटियां भी स्वादिष्ट होती है।

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